रुलाना हर किसी को आता है,
हँसाना भी हर किसी को आता है,
हँसाना भी हर किसी को आता है,
रुला के जो मना ले वो "पापा" है.
और जो रुला के खुद भी रो पड़े वही "माँ" है....
मिलावट थी तेरे इश्क में इत्र और शराब की,
वरना हम कभी महक तो कभी बहक क्यों जाते
वरना हम कभी महक तो कभी बहक क्यों जाते
उनके साथ जरूर रहो...
जिनकी तबियत ख़राब है...
जिनकी तबियत ख़राब है...
पर उनका साथ छोड़ दो...
जिनकी नियत ख़राब है...
जमीन के ऊपर मोहब्बत से रहना सीखलो
वर्ना जमीन के अंदर सुकुन से नही रह पाओगे...
वर्ना जमीन के अंदर सुकुन से नही रह पाओगे...
-Unknown
www.diludiary.blogspot.com
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