गुज़र जाते हैं खूबसूरत लम्हें ,
यूं ही मुसाफिरों की तरह .
यूं ही मुसाफिरों की तरह .
यादें वहीं खडी रह जाती हैं ,
रूके रास्तों की तरह .
रूके रास्तों की तरह .
एक "उम्र" के बाद "उस उम्र" की बातें
"उम्र भर"* याद आती हैं ,
"उम्र भर"* याद आती हैं ,
पर "वह उम्र" फिर "उम्र भर" नहीं आती...
""सदा मुस्कुराते रहिये""
शुभ प्रभात
www.diludiary.blogspot.comशुभ प्रभात
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