ગુજરાતી/હિન્દી શાયરી અને સાહિત્યનો અખુટ ભંડાર



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બુધવાર, 11 મે, 2016

बिछड़ने वाले तेरे लिए एक मशवरा है ।

बिछड़ने वाले तेरे लिए एक "मशवरा" है,
कभी हमारा "ख्याल" आए, तो अपना 'ख्याल' रखना..

ये मत सोचो तुम छोङ दोगे तो हम मर जायेँगे ,
वो भी जी रहे है जिनको तेरी खातिर हमने छोङा था ..

अब शिकायतेँ तुम से नहीँ खुद से है,
माना के सारे झूठ तेरे थे.लेकिन उन पर यकिन तो मेरा था..

वो अक्सर देता है मुझे , परिंदों की मिसाल .
साफ़ नहीं कहता के , मेरा शहर छोड़ जाओ..

फिकर होने लगती है तुम्हारी,
जब तुम सताते नहीं हो...

किसी को इतना भी न चाहो कि भुला न सको क्योंकि ज़िन्दगी,
इन्सान और मोहब्बत तीनों बेवफ़ा है..

संवर रही है अब वो किसी और के लिए,
पर मैं बिखर रहा हूँ आज भी उसी के लिए..

तड़प के देख़ किसी की चाहत में,
तो पता चले की इंतज़ार क्या होता है..

मुझे हराकर कोई मेरी जान भी ले जाए मुझे मंजुर है ,,
लेकिन धोखा देने वालों को मै दुबारा मौका नही देता..
💘 Unknown 💘
www.diludiary.blogspot.com
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