हुनर क्या ग़ज़ब का था ...
उसकी बातों में उसने काग़ज़ पर बारिश लिखा
उसकी बातों में उसने काग़ज़ पर बारिश लिखा
और हम यहाँ भीग गए...
-Unknown
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हर सितम सह कर कितने ग़म छिपाये हमने,
तेरी खातिर हर दिन आँसू बहाये हमने,
तू छोड़ गया जहाँ हमें राहों में अकेला,
बस तेरे दिए ज़ख्म हर एक से छिपाए हमने ! ! !
-Unknown
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मेरी मोहब्बत का अंदाजा मत लगाना मेरी जान,
हिसाब मैं लूंगा नहीं, और चुकता तुम कर नहीं पाओगी।
हिसाब मैं लूंगा नहीं, और चुकता तुम कर नहीं पाओगी।
-Unknown
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तेरे होठो को जबसे चखा है,
कच्ची इमली भी मीठी लगती है !!
कच्ची इमली भी मीठी लगती है !!
-Unknown
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किसी के लिए ए दिल तू इतना उदास ना हुआ कर,,,,,,,
मोहब्बत में लोग नसीब से मिलते हैं उदासियों से नहीं......
मोहब्बत में लोग नसीब से मिलते हैं उदासियों से नहीं......
खुश्क आँखों से भी अश्कों की महक आती है,
तेरे ग़म को ज़माने से मैं छुपाऊं कैसे।
तेरे ग़म को ज़माने से मैं छुपाऊं कैसे।
-Unknown
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